12th December 2024

Kangana Ranaut Emergency: रिलीज में देरी पर क्यों उठा विवाद?

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Kangana Ranaut Emergency: कंगना रनौत की बहुचर्चित फिल्म ‘Emergency’ को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। फिल्म की रिलीज में देरी और सेंसर बोर्ड (CBFC) द्वारा सर्टिफिकेट जारी न करने को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। इस बीच फिल्म के निर्माताओं ने आरोप लगाया है कि CBFC राजनीतिक दबाव में आकर फिल्म की रिलीज को बाधित कर रहा है। कंगना रनौत, जो खुद इस फिल्म की निर्देशक, निर्माता और मुख्य किरदार हैं, ने भी इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी है। लेकिन आखिर यह सारा विवाद क्यों खड़ा हुआ, और ‘Emergency’ की रिलीज में देरी के पीछे क्या कारण हैं, आइए जानते हैं।

क्या है ‘Emergency’?

कंगना रनौत की ‘Emergency’ एक ऐतिहासिक ड्रामा है, जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान लगे आपातकाल (1975-1977) पर आधारित है। इस फिल्म में कंगना रनौत ने इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है। इसके अलावा फिल्म में अनूपम खेर और स्वर्गीय सतीश कौशिक जैसे कलाकार भी महत्वपूर्ण किरदार निभा रहे हैं।

कंगना रनौत की इस फिल्म को लेकर पहले से ही काफी विवाद चल रहा है, जिसमें सिख संगठनों ने फिल्म पर आरोप लगाया कि यह सिख समुदाय की गलत छवि प्रस्तुत करती है और ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से दर्शाती है। इन आपत्तियों के चलते सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सर्टिफिकेट देने में देरी की है, जो फिल्म के निर्माताओं के लिए चिंता का विषय बन गया है।

कोर्ट में क्या हुआ?

बॉम्बे हाई कोर्ट में फिल्म ‘Emergency’ की रिलीज से जुड़े मामले पर सुनवाई हुई, जहां कोर्ट ने सेंसर बोर्ड की देरी पर अपनी नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि क्रिएटिव स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी को इस तरह से बाधित नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सिर्फ कानून और व्यवस्था की आशंका के आधार पर किसी फिल्म को सर्टिफिकेट देने से इनकार नहीं किया जा सकता।

फिल्म के निर्माता ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि CBFC राजनीतिक कारणों से फिल्म को सर्टिफिकेट देने में देरी कर रहा है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या बीजेपी खुद अपनी सांसद कंगना रनौत के खिलाफ काम कर रही है, क्योंकि कंगना वर्तमान में बीजेपी की लोकसभा सदस्य हैं।

CBFC की प्रतिक्रिया

सेंसर बोर्ड (CBFC) ने अपनी ओर से कोर्ट को बताया कि फिल्म को रिवाइजिंग कमेटी के पास भेजा गया है, और अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है। CBFC के वरिष्ठ वकील ने कोर्ट में कहा कि फिल्म के बारे में सार्वजनिक अव्यवस्था की आशंका है, जिसके चलते सर्टिफिकेशन प्रक्रिया में देरी हो रही है। हालांकि, फिल्म के निर्माताओं ने इसे समय बिताने की एक कोशिश करार दिया और आरोप लगाया कि यह सब हरियाणा चुनाव से पहले फिल्म की रिलीज को रोकने के लिए किया जा रहा है।

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राजनीतिक कारणों का आरोप

फिल्म के निर्माताओं ने यह भी आरोप लगाया कि फिल्म की रिलीज में देरी राजनीतिक कारणों से की जा रही है। उनका दावा है कि हरियाणा चुनाव के मद्देनजर फिल्म की रिलीज को टाला जा रहा है। कंगना रनौत, जो खुद इस फिल्म की सह-निर्माता और बीजेपी सांसद हैं, ने भी CBFC पर फिल्म की सर्टिफिकेशन प्रक्रिया को रोकने का आरोप लगाया। हालांकि, हाईकोर्ट ने इन राजनीतिक आरोपों पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या सत्तारूढ़ पार्टी अपनी ही सांसद के खिलाफ काम कर रही है?

कोर्ट की सख्त टिप्पणी

कोर्ट ने इस मामले में सेंसर बोर्ड को फटकार लगाते हुए कहा कि उन्हें किसी भी फिल्म को सर्टिफाई करने या न करने का निर्णय लेना चाहिए। कोर्ट ने कहा, “आपको (CBFC) साहस दिखाना होगा और अगर आपको लगता है कि फिल्म को रिलीज नहीं किया जा सकता, तो कम से कम इसका साहस दिखाइए।”

कोर्ट ने CBFC को आदेश दिया कि वे 25 सितंबर तक फिल्म पर फैसला लें। कोर्ट ने यह भी कहा कि सेंसर बोर्ड का काम कानून और व्यवस्था की संभावनाओं पर निर्णय लेना नहीं है, बल्कि फिल्मों की सर्टिफिकेशन प्रक्रिया को पूरा करना है।

सेंसर बोर्ड की देरी पर सवाल

फिल्म के सर्टिफिकेट को लेकर चल रही देरी ने क्रिएटिव स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि आजकल लोग फिल्मों में दिखाई गई बातों पर इतना संवेदनशील क्यों हो जाते हैं। कोर्ट ने कहा कि सेंसर बोर्ड का यह रवैया क्रिएटिविटी को बाधित करने वाला है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।

कंगना का आरोप

कंगना रनौत ने पहले भी सोशल मीडिया पर अपने फैंस के साथ यह मुद्दा उठाया था और CBFC पर फिल्म को रोकने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि उनकी फिल्म को राजनीतिक कारणों से रोका जा रहा है और यह अभिव्यक्ति की आज़ादी का हनन है।

निष्कर्ष

‘Emergency’ की रिलीज को लेकर चल रही देरी और सेंसर बोर्ड की सर्टिफिकेशन प्रक्रिया पर उठे सवाल ने इस मामले को और पेचीदा बना दिया है। कंगना रनौत की फिल्म पहले से ही विवादों में घिरी हुई है, और अब यह देखना बाकी है कि सेंसर बोर्ड इसे कब तक हरी झंडी देता है। फिल्म के निर्माता और कंगना रनौत लगातार इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं, और कोर्ट भी सेंसर बोर्ड पर जल्दी फैसला लेने का दबाव डाल रहा है। kangana ranaut emergency अब सिर्फ एक फिल्म नहीं रही, बल्कि यह क्रिएटिव स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी के मुद्दे पर भी बहस का केंद्र बन गई है।

Manoj Makwana

Manoj Makwana

Manoj Makwana from Gujarat with 2+ years of experience in digital marketing. Skilled in SEO, PPC, social media, and more, specializing in ecommerce solutions to drive business growth and online visibility.

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