Tirumala Tirupati Laddu, जो अपनी पवित्रता और स्वाद के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, हाल ही में एक विवाद का विषय बना हुआ है। सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों के बीच, यह कहा जा रहा था कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) में बनने वाले लड्डुओं में इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट की गई है, और इसके लिए अमुल को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था। इस अफवाह पर अमुल ने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि उसने कभी भी Tirumala Tirupati Devasthanams को घी की आपूर्ति नहीं की है।
अमुल का स्पष्टीकरण
सोशल मीडिया पर Tirumala Tirupati Laddu को लेकर चल रही चर्चाओं में यह दावा किया जा रहा था कि अमुल घी का इस्तेमाल लड्डुओं में हो रहा है, और इसमें मांसाहारी पदार्थ जैसे कि बीफ टैलो, फिश ऑयल और लार्ड मिलाए जा रहे हैं। इन अफवाहों के जवाब में अमुल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उसने कभी भी Tirumala Tirupati Devasthanams को घी की आपूर्ति नहीं की है। अमुल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, “हम यह सूचित करना चाहते हैं कि हमने कभी भी तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को अमुल घी की आपूर्ति नहीं की है।”
घी की शुद्धता पर अमुल का जोर
अमुल ने न केवल यह स्पष्ट किया कि उसने TTD को कभी घी नहीं बेचा, बल्कि अपनी गुणवत्ता मानकों पर भी जोर दिया। अमुल के मुताबिक, उसका घी पूरी तरह से शुद्ध दूध से बनाया जाता है और सभी आवश्यक गुणवत्ता परीक्षणों को पार करता है। “अमुल घी को शुद्ध दूध से हमारे अत्याधुनिक उत्पादन सुविधाओं में तैयार किया जाता है, जो ISO प्रमाणित हैं। हमारा घी उच्च गुणवत्ता वाले शुद्ध दूध की वसा से बना होता है और इसे FSSAI द्वारा निर्दिष्ट सभी गुणवत्ता जांचों से गुजरना पड़ता है,” अमुल ने अपने बयान में कहा।
अफवाहों के खिलाफ अमुल की कार्रवाई
अमुल ने इस मामले को एक “मिसइंफॉर्मेशन कैंपेन” करार देते हुए इस पर कड़ी आपत्ति जताई। “अमुल घी भारत का सबसे विश्वसनीय घी ब्रांड है, जो 50 से अधिक वर्षों से भारतीय घरों का अभिन्न हिस्सा है। इस पोस्ट का उद्देश्य अमुल के खिलाफ चल रही इस अफवाह को रोकना है,” अमुल ने अपने बयान में कहा।
Tirumala Tirupati Laddu विवाद की पृष्ठभूमि
हाल ही में, तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने यह दावा किया कि Tirumala Tirupati Devasthanams के लड्डुओं में “बीफ टैलो, फिश ऑयल” और अन्य निम्न गुणवत्ता वाले पदार्थ पाए गए हैं। यह दावा उस लैब रिपोर्ट के आधार पर किया गया था, जिसमें लड्डू के नमूनों की जांच गुजरात की एक पशु-आधारित प्रयोगशाला में की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि इन लड्डुओं में “लार्ड” पाया गया है, जो सुअर की चर्बी से संबंधित है। यह रिपोर्ट 16 जुलाई की तारीख में जारी की गई थी।
इस खबर ने सोशल मीडिया पर तेजी से विवाद को जन्म दिया। इसके बाद कई लोगों ने यह दावा किया कि TTD ने घी आपूर्तिकर्ता को नंदिनी से बदलकर अमुल कर दिया है। इन दावों ने भक्तों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की प्रतिक्रिया
हालांकि, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने भी इन दावों का खंडन किया और कहा कि उनके लड्डुओं की शुद्धता और गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता है। TTD के मुताबिक, लड्डुओं के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सभी सामग्री गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हैं, और इस प्रकार की अफवाहें केवल देवताओं के प्रसाद के प्रति लोगों की आस्था को ठेस पहुँचाने के लिए फैलाई जा रही हैं।
निष्कर्ष
Tirumala Tirupati Laddu, जो न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि स्वादिष्टता के लिए भी जाना जाता है, विवाद के केंद्र में आ गया है। अमुल ने अपनी तरफ से स्पष्ट कर दिया है कि वह Tirumala Tirupati Devasthanams को कभी घी की आपूर्ति नहीं करता है, और उसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाने वाली अफवाहें निराधार हैं। भक्तों और उपभोक्ताओं के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे इस प्रकार की अफवाहों पर विश्वास न करें और अपने विश्वास को कायम रखें। Tirumala Tirupati Laddu और अमुल घी दोनों ही भारतीय संस्कृति और भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और उनकी शुद्धता और विश्वसनीयता पर संदेह करना अनुचित है।
अमुल और Tirumala Tirupati Devasthanams, दोनों ही ने अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, और अब यह भक्तों और उपभोक्ताओं पर निर्भर करता है कि वे किस पर विश्वास करते हैं।