Sebi Meeting Today: 30 सितंबर को हुए Securities and Exchange Board of India (Sebi) की महत्वपूर्ण बैठक का निवेशकों को बेसब्री से इंतजार था, लेकिन इस बैठक में कोई बड़ा निर्णय नहीं लिया गया। खासतौर पर Sebi ने इंडेक्स डेरिवेटिव से जुड़े नियमों में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि, कुछ महीनों पहले जारी किए गए परामर्श पत्र के आधार पर इस बैठक से कुछ बड़े ऐलान की उम्मीद की जा रही थी।
Sebi Meeting Today की मुख्य बातें
Sebi की बैठक में, बाजार सहभागियों की नजर इस पर थी कि क्या जुलाई 2024 में जारी किए गए प्रस्तावों पर कोई निर्णय लिया जाएगा। इन प्रस्तावों का उद्देश्य बाजार में स्थिरता बनाए रखना और छोटे निवेशकों की सुरक्षा करना था। Sebi meeting today के बाद, यह स्पष्ट हो गया कि फिलहाल इंडेक्स डेरिवेटिव से जुड़े नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
इंडेक्स डेरिवेटिव फ्रेमवर्क में प्रस्तावित बदलाव
30 जुलाई 2024 को Sebi ने कुछ कड़े डेरिवेटिव नियमों का प्रस्ताव दिया था। इनमें प्रमुख बदलावों में अनुबंध के आकार को चार गुना बढ़ाना, ऑप्शन प्रीमियम को पहले से ही एकत्रित करना और साप्ताहिक अनुबंधों की संख्या को कम करना शामिल था। Sebi meeting के दौरान यह भी चर्चा की गई थी कि वर्तमान में इंडेक्स आधारित अनुबंध हर दिन समाप्त होते हैं, लेकिन नए प्रस्ताव के तहत हर सप्ताह केवल एक एक्सचेंज के इंडेक्स के दो अनुबंधों का ही समापन हो सकेगा।
Sebi Meeting Today में क्या था अपेक्षित?
Sebi meeting today के एजेंडे में यह अनुमान था कि एक्सपर्ट कमेटी द्वारा किए गए सुझावों पर कोई बड़ा निर्णय लिया जाएगा, खासकर छोटे निवेशकों की अत्यधिक भागीदारी को नियंत्रित करने के लिए। जुलाई में जारी किए गए परामर्श पत्र में यह सुझाव दिया गया था कि अनुबंध के आकार को कई गुना बढ़ाकर निवेशकों की भागीदारी को सीमित किया जाए। इसके अतिरिक्त, साप्ताहिक ऑप्शन अनुबंधों की संख्या को भी कम करने का प्रस्ताव रखा गया था।
परामर्श पत्र में अन्य प्रस्तावित बदलाव
परामर्श पत्र में अन्य महत्वपूर्ण बदलावों का भी सुझाव दिया गया था, जैसे कि कम स्ट्राइक प्राइस होना, ताकि लोग सस्ते ऑप्शन पर जुआ न खेल सकें। Sebi meeting today में इस पर भी चर्चा की उम्मीद थी, लेकिन फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसमें यह भी सुझाव दिया गया था कि स्ट्राइक प्राइस की संख्या को घटाकर, केवल 50 स्ट्राइक्स के साथ अनुबंध लॉन्च किया जाए। यह निवेशकों को जोखिम भरे अनुबंधों में अधिक भागीदारी से रोकने के लिए किया गया था।
“Reverse Sachetization” का प्रस्ताव
Sebi द्वारा प्रस्तावित एक अन्य महत्वपूर्ण बदलाव “रिवर्स सैचेटाइजेशन” था, जिसमें अनुबंध के आकार को इतना बढ़ा दिया जाए कि छोटे निवेशकों की भागीदारी को सीमित किया जा सके। यह प्रस्ताव इसलिए रखा गया क्योंकि डेरिवेटिव में उच्च जोखिम होता है और इसमें अधिक लीवरेज होता है। इस प्रकार के जोखिम भरे उत्पादों के लिए अनुबंध के न्यूनतम आकार में वृद्धि करके निवेशकों को इसे हल्के में लेने से रोका जा सकता है।
Sebi Meeting का निष्कर्ष
हालांकि Sebi meeting today में कोई बड़ा फैसला नहीं हुआ, लेकिन यह स्पष्ट है कि भविष्य में डेरिवेटिव फ्रेमवर्क में बदलाव की दिशा में Sebi कदम उठा सकती है। छोटे निवेशकों की भागीदारी पर अंकुश लगाने और बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए उठाए गए प्रस्तावों को लेकर अभी और चर्चा की आवश्यकता है। उम्मीद है कि आगामी बैठकों में Sebi इन प्रस्तावों पर ठोस निर्णय लेगी। Sebi meeting आज के बाद निवेशकों को आने वाले समय में कुछ कड़े कदमों की अपेक्षा करनी चाहिए, खासकर इंडेक्स डेरिवेटिव्स के क्षेत्र में।
निष्कर्ष
Sebi की आज की बैठक में इंडेक्स डेरिवेटिव्स के मौजूदा नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया। हालांकि, बाजार की स्थिरता और छोटे निवेशकों की सुरक्षा को लेकर Sebi द्वारा प्रस्तावित कड़े नियमों पर अभी और चर्चा की जा सकती है। Sebi meeting today के बाद निवेशक भविष्य के निर्णयों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो बाजार को दीर्घकालिक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।