8th November 2024

Ratan tata will: किसको क्या मिला, वसीयत में क्या है खास?

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Ratan tata will उनके परिवार, सहायक कर्मचारियों और फाउंडेशन के बीच किया गया है। जानें, कौन-क्या प्राप्त करेगा और वसीयत में क्या खास है।
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Ratan tata will: दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित उद्यमियों में गिने जाने वाले Ratan tata का 9 अक्टूबर को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी वसीयत में उनकी संपत्ति का बंटवारा कुछ खास लोगों और उनकी फाउंडेशन के बीच किया गया है। इसमें उनके परिवार के सदस्य, उनके सहायक और कुछ करीबी कर्मचारी शामिल हैं। “Ratan tata will” में उनका यह बंटवारा उनके जीवन के महत्व, विश्वासों और लोगों के प्रति उनकी गहरी संवेदनशीलता को दर्शाता है।

Ratan tata will: परिवार और कर्मचारियों को लाभ

“Ratan tata will” के अनुसार, उनकी संपत्ति का मुख्य हिस्सा उनके भाई जिमी टाटा, उनके दो सौतेली बहनों शिरीन और दीना जेजीभॉय और उनकी फाउंडेशन के लिए निर्धारित किया गया है। उनके परिवार के अलावा, उन्होंने अपने जीवन के कई करीबी सहयोगियों के लिए भी व्यवस्था की है।

उनके लंबे समय से सेवा दे रहे बटलर, सुब्बैया, जिन्हें Ratan tata ने तीन दशकों से अधिक समय तक अपने परिवार का हिस्सा माना, भी उनकी वसीयत में शामिल हैं। इसके अलावा, उनके कार्यकारी सहायक शंतनु नायडू के लिए भी खास व्यवस्था की गई है।

टाटा के पालतू कुत्ते, टीटो का विशेष ध्यान

“Ratan tata will” में टाटा ने अपने प्रिय पालतू कुत्ते, टीटो के लिए भी विशेष प्रबंध किए हैं। उन्होंने सुनिश्चित किया कि टीटो को जीवनभर का “असीमित” देखभाल मिले। यह जिम्मेदारी उनके पुराने रसोइये, राजन शॉ को सौंपी गई है। टाटा का पालतू कुत्तों के प्रति विशेष लगाव था, और सोशल मीडिया पर वे अक्सर आवारा कुत्तों की भलाई के लिए प्रेरित करते दिखे।

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Ratan tata की अचल संपत्ति

Ratan tata के पास अलीबाग, महाराष्ट्र में एक 2,000 वर्ग फुट का बीच बंगला, मुंबई के जुहू तारा रोड पर एक दो मंजिला घर और कोलाबा में स्थित ‘हालेकाई’ निवास शामिल है। “Ratan tata will” के अनुसार, उनका कोलाबा वाला घर इवर्ट इन्वेस्टमेंट्स के स्वामित्व में है, जो पूरी तरह से टाटा सन्स की सहायक कंपनी है। इस संपत्ति का भविष्य टाटा सन्स द्वारा तय किया जाएगा।

टाटा का वाहन संग्रह

Ratan tata के पास 20 से 30 लग्जरी वाहनों का एक संग्रह भी था, जिसे उनके ‘हालेकाई’ निवास और कोलाबा के ताज वेलिंगटन म्यूज सर्विस अपार्टमेंट्स में रखा गया है। इन वाहनों का भविष्य अभी तक तय नहीं हुआ है, लेकिन इसे Tata Group द्वारा पुणे के म्यूजियम में प्रदर्शित करने या नीलामी करने पर विचार हो रहा है।

Ratan tata will में उनकी फाउंडेशन के लिए शेयर और अन्य संपत्तियां

Tata Group की परंपरा के अनुसार, उनके टाटा सन्स में हिस्सेदारी को Ratan tata एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को हस्तांतरित किया जाएगा। इसके अलावा, टाटा मोटर्स और अन्य Tata Group की कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी भी उनकी फाउंडेशन को सौंपी जाएगी। “ratan tata will” के इस प्रावधान से यह साफ होता है कि Ratan tata ने Tata Group की उदारवादी धरोहर को बनाए रखने के लिए अपनी संपत्ति का बड़े हिस्से को दान कर दिया।

जुहू संपत्ति: संभावित बिक्री पर चर्चा

Ratan tata का जुहू में समुद्र तट के किनारे स्थित घर, जो लगभग एक चौथाई एकड़ के प्लॉट पर फैला है, उनके पिता नवल टाटा के निधन के बाद उनके परिवार को विरासत में मिला था। पिछले दो दशकों से यह संपत्ति बंद पड़ी है और इसकी संभावित बिक्री पर चर्चा चल रही है।

Ratan tata will का प्रॉबेट प्रोसेस

टाटा की वसीयत का प्रॉबेट प्रोसेस आने वाले महीनों में बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा किया जाएगा, जिसमें उनकी संपत्ति और उसकी कानूनी वैधता की जांच होगी। प्रॉबेट की प्रक्रिया पूरी होने तक, उनकी संपत्ति की कई महत्वपूर्ण चीजों का वितरण और बंटवारा स्थगित रह सकता है।

निष्कर्ष

Ratan tata की वसीयत ने उनके जीवन के अनेक पहलुओं को उजागर किया है। “Ratan tata will” से यह समझ आता है कि टाटा न केवल अपने परिवार और सहायक कर्मचारियों की देखभाल करते थे, बल्कि उनके जीवन का अधिकांश हिस्सा समाज और जनकल्याण के लिए समर्पित था। उनकी यह वसीयत उनके जीवन की महानता, परोपकार और उदारता की प्रतीक है।

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