Diwali पर रिलीज हुई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अपनी किस्मत आजमा रही हैं, जिनमें से एक है Ka Movie जिसमें किरण अब्बवरम मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म की कहानी और इसके प्रचार में कही गई बातों ने दर्शकों की उम्मीदों को बढ़ा दिया। KA Movie Review में हम जानेंगे कि इस फिल्म में नया क्या है और क्या यह दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरी है।
KA Movie की कहानी
फिल्म में अभिनय वासुदेव (किरण अब्बावरम) अनाथ होते हैं जो हमेशा उम्मीद करते हैं कि उनके माता-पिता एक दिन लौट आएंगे। दूसरों के खतों को पढ़ते हुए वह उनमें अपनी खोई हुई यादों को तलाशते हैं। लेकिन एक दिन गुरुनाथम (बलगम जयराम) द्वारा उनके खत को पढ़ने पर पिटाई होने के बाद वह आश्रम से भाग जाते हैं। कई साल बाद वह कृष्णागिरी नामक गांव में कांट्रैक्ट पोस्टमैन का काम शुरू करते हैं, जहां वह पोस्टमास्टर रंगा राव की बेटी सत्यभामा (नयना सारिका) से प्यार करने लगते हैं। दूसरी ओर, गांव में लड़कियां एक-एक करके गायब हो रही हैं। वासु एक खत के माध्यम से इन मामलों के बारे में कुछ सुराग पा लेते हैं और वहीं से उनकी जिंदगी मुश्किलों में पड़ जाती है।
कहानी का प्रदर्शन
KA Movie में एक दिलचस्प शुरुआत होती है जहां हीरो का अपहरण करके उसे एक अंधेरे कमरे में बंद कर दिया जाता है। वहां एक नकाबपोश व्यक्ति एक मशीन की मदद से उसे उसकी यादों में ले जाता है और उसके सवालों का जवाब देता है। यह कहानी उस समय रोमांचक हो जाती है जब वासु कृष्णागिरी पहुंचते हैं। फिल्म का पहला हाफ दर्शकों की रुचि बनाए रखने में सफल है, वहीं दूसरे हाफ में गांव में लड़कियों के गायब होने और वासु-राधा की कहानी दर्शकों में रोमांच भर देती है।
मुख्य आकर्षण
फिल्म में न केवल किरण अब्बवरम की अदाकारी सराहनीय है, बल्कि कहानी में दिए गए ट्विस्ट और क्लाइमैक्स दर्शकों में उत्सुकता बनाए रखते हैं। Sam CS का संगीत फिल्म का एक प्रमुख आकर्षण है, और एक मेले का गीत पूरी फिल्म को एक नया रंग देता है। एक्शन दृश्यों में सैम का बैकग्राउंड म्यूजिक हीरो की भावनाओं को और ऊंचा उठाता है।
अभिनय और निर्देशन
किरण अब्बवरम ने अभिनय वासुदेव की भूमिका में अपनी नेचुरल एक्टिंग से सबको प्रभावित किया। उनकी एक्शन सीन्स और इमोशनल सीन्स में अभिनय देखने लायक है। नयना सारिका ने अपनी प्यारी एक्टिंग से दर्शकों का मन मोह लिया है। तन्बी राम का किरदार कहानी में महत्वपूर्ण है, जबकि अच्युत कुमार, शरण्या प्रदीप, अन्नपूर्णम्मा और अजय जैसे कलाकार भी अपनी-अपनी भूमिकाओं में उपयुक्त हैं।
फिल्म के निर्देशन में सुजीत-संदीप ने एक अनूठी दृष्टिकोण अपनाई है। फिल्म के अंत में दिया गया ट्विस्ट और ‘का’ शब्द के पीछे का मतलब फिल्म को अतिरिक्त गहराई देता है। 70 के दशक में स्थापित कला निर्देशन फिल्म की कहानी को एक नई दुनिया में ले जाता है, जो दर्शकों के लिए नया अनुभव है।
फिल्म की ताकत और कमजोरी
ताकत:
- कहानी और संवाद फिल्म की आत्मा हैं।
- किरण अब्बवरम का शानदार अभिनय।
- क्लाइमेक्स में दिए गए ट्विस्ट और अद्भुत मोड़।
कमजोरी:
- कुछ दृश्य जो कल्पना से मेल नहीं खाते।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, Ka Movie एक नई अवधारणा पर आधारित है जो काफ़ी प्रभावित करने में सफल रही। यह फिल्म किरण अब्बवरम के करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।
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