ईरान के Supreme leader Ayatollah Ali Khamenei की नई हिब्रू भाषा की सोशल मीडिया प्रोफाइल को शुरू होने के एक दिन बाद ही प्रतिबंधित कर दिया गया। यह प्रतिबंध उस समय आया जब उन्होंने इस्राइल के खिलाफ चेतावनी भरा संदेश पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि “जायोनी शासन ने बड़ी गलती कर दी है।” इस पोस्ट में khamenei ने यह भी कहा कि इस्राइल ने ईरान की ताकत और इरादे का गलत अनुमान लगाया है, और ईरानी राष्ट्र अपनी क्षमता, शक्ति, और संकल्प का परिचय देगा।
Khamenei के अन्य प्रोफाइल सक्रिय
इस प्रतिबंध के बावजूद, अन्य भाषाओं में ईरान के सुप्रीम लीडर Khamenei के द्वारा संचालित प्रोफाइल जैसे कि फारसी, अरबी, अंग्रेजी, और बंगाली भाषा में अभी भी सक्रिय हैं और उनमें भी इस्राइल के प्रति तीखे संदेश पोस्ट किए गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि नियमों के तहत “राज्य या सरकारी संस्थाओं” की सामग्री को कुछ हद तक छूट प्राप्त होती है, लेकिन हिंसा या घृणा से संबंधित पोस्टों पर सख्त पाबंदी होती है। हालाँकि, khamenei के अंग्रेजी प्रोफाइल पर उनकी इसी तरह की पोस्ट को हज़ारों लाइक्स मिल चुके हैं और वह अभी भी लाइव है।
सोशल मीडिया पर Khamenei के पोस्ट और प्रतिबंध का कारण
khamenei ने यह नया हिब्रू अकाउंट इस्राइल के उस जवाबी हमले के बाद खोला था जिसमें उन्होंने ईरानी मिलिट्री ठिकानों पर निशाना साधा। शनिवार को किए गए इस हमले में इस्राइली वायु सेना ने ईरान के महत्वपूर्ण मिलिट्री स्थानों, जैसे कि ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल निर्माण केंद्र, पर निशाना साधा।
ईरान के सुप्रीम लीडर Khamenei का यह हिब्रू प्रोफाइल पहली पोस्ट के साथ शुरू हुआ जिसमें लिखा था, “अल्लाह के नाम पर, दयालु और कृपालु।” इसके तुरंत बाद उन्होंने इस्राइल के प्रति चेतावनी भरी पोस्ट की, जिससे यह नया अकाउंट विवादों में आ गया और एक दिन के भीतर इसे सस्पेंड कर दिया गया। khamenei ने इस्राइल को “जायोनी शासन” कहते हुए इस्राइल की क्षमताओं का मजाक उड़ाया और उन्हें ईरानी ताकत से परिचित कराने की बात कही।
सोशल मीडिया पर पहले भी हुए हैं Khamenei के अकाउंट प्रतिबंधित
यह पहली बार नहीं है जब Supreme leader Ayatollah Ali Khamenei के सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस वर्ष फरवरी में, मेटा ने उनके फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट को भी हटा दिया था, जब उन्होंने हमास द्वारा दक्षिणी इस्राइल में किए गए हमलों का समर्थन किया था। इसके बावजूद, वह लगातार विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपने विचार प्रकट करते रहे हैं और इस्राइल के प्रति अपनी नीतियों को जोर-शोर से साझा करते रहे हैं।
सोशल मीडिया नियम और Khamenei के लिए छूट का मामला
ईरान के सुप्रीम लीडर khamenei के खिलाफ सोशल मीडिया नियमों के तहत प्रतिबंधित होना यह सवाल खड़ा करता है कि क्या राज्यों या सरकारों के पदाधिकारियों को छूट दी जानी चाहिए। प्लेटफॉर्म “एक्स,” जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, पर ‘हिंसक और घृणास्पद संस्थाओं’ के खिलाफ नियम लागू किए जाते हैं। हालांकि, राज्य या सरकारी संस्थाओं द्वारा पोस्ट किए गए कुछ विशेष प्रकार के कंटेंट पर एक विशेष छूट प्रदान की जाती है, जिससे ये पोस्ट प्लेटफॉर्म पर बने रहते हैं।
लेकिन क्या यह छूट घृणा या हिंसा को बढ़ावा देने वाले संदेशों के लिए उपयुक्त है, यह एक विचारणीय प्रश्न है। Supreme leader Ayatollah Ali Khamenei जैसे व्यक्तित्व द्वारा इस्राइल के खिलाफ खुलेआम धमकियाँ देना न केवल एक अंतर्राष्ट्रीय संकट का संकेत है, बल्कि सोशल मीडिया पर नियमों को सख्ती से लागू करने की भी आवश्यकता को दर्शाता है।
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