Do Patti Review: Kajol और Kriti Sanon द्वारा अभिनीत Do Patti फिल्म एक ऐसा प्रयास है जिसमें घरेलू हिंसा, बहन की प्रतिद्वंद्विता और न्याय जैसे मुद्दों को जोड़ा गया है। फिल्म का ट्रेलर देखकर एक पेचीदा और रोमांचक कहानी की उम्मीद बंधती है, लेकिन फिल्म अंततः अपनी क्षमता तक पहुंचने में असफल रहती है। कहानी की शुरुआत छोटे से हिल स्टेशन देविपुर में होती है, जहां इंस्पेक्टर विद्या ज्योति (Kajol), जिसे VJ भी कहा जाता है, का ट्रांसफर हुआ है। कानून के प्रति उनकी मजबूत और अडिग सोच उन्हें अपने ही भाई को जेल भेजने तक मजबूर कर देती है।
कहानी
एक शाम, इंस्पेक्टर विद्या एक शिकायत की जांच करते हुए सोम्या (Kriti Sanon) से मिलती है, जिसके चेहरे पर चोट के निशान होते हैं। सोम्या कहती है कि चोट कैबिनेट से लगी है, लेकिन विद्या को कुछ संदेह होता है। अपनी जांच में वह सोम्या की जुड़वां बहन, शैली से मिलती हैं, जो सोम्या से पूरी तरह विपरीत स्वभाव की होती है। इस प्रकार कहानी में जुड़वां बहनों के बीच रहस्य, ईर्ष्या, और एक दुखद अतीत का खुलासा होता है।
Do Patti Movie के प्लॉट में कई उतार-चढ़ाव हैं, जो अतीत और वर्तमान के बीच बदलते रहते हैं। यहां सोम्या एक शांत, घरेलू महिला का किरदार निभाती हैं, जबकि शैली बोल्ड और आत्मनिर्भर है। उनकी जिंदगी में ध्रुव सूद (Shaheer Sheikh) का आना कहानी को एक नया मोड़ देता है। ध्रुव एक अमीर परिवार से ताल्लुक रखता है और उसका अहंकारी स्वभाव उसके चरित्र की एक बड़ी खासियत है।
सोम्या और ध्रुव के बीच की प्रेम कहानी शुरुआत में दिलचस्प लगती है, लेकिन जल्द ही उसमें नयापन खत्म हो जाता है। कहानी में तब नया मोड़ आता है जब शैली की ईर्ष्या गहराई ले लेती है और वह ध्रुव के प्रति अपनी बहन की भावनाओं में हस्तक्षेप करने लगती है।
घरेलू हिंसा और जुड़वां बहनों के बीच की प्रतिद्वंद्विता
ध्रुव से शादी के बाद सोम्या का जीवन पूरी तरह बदल जाता है। ध्रुव का हिंसात्मक और अपमानजनक स्वभाव उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित करता है। यहां घरेलू हिंसा का मुद्दा उभरता है, लेकिन इसका चित्रण और कहानी का प्रवाह थोड़ा कमजोर रहता है, जिससे भावनात्मक गहराई कम हो जाती है।
फिल्म की कहानी में जुड़वां बहनों के चरित्र की विपरीतता दिखाई गई है एक शांत और परंपरागत जबकि दूसरी खुली और आत्मनिर्भर। जब विद्या इस घरेलू हिंसा के मामले की जांच करती हैं, तो उन्हें बहनों के जीवन में और अधिक राज़ और अतीत के घाव का पता चलता है।
प्रदर्शन
जहां Kriti Sanon ने जुड़वां किरदारों में अच्छा प्रदर्शन किया है, वहीं उनके किरदार में आवश्यक गहराई की कमी महसूस होती है, जिससे दर्शक भावनात्मक रूप से जुड़ नहीं पाते हैं। Kajol का किरदार मजबूत दिखाया गया है, लेकिन कई जगह उनकी अभिनय में स्थिरता की कमी महसूस होती है। Shaheer Sheikh का किरदार ध्रुव सूद के रूप में खलनायक के रूप में है, लेकिन उसका प्रदर्शन केवल सतही दिखता है।
फिल्म के क्लाइमैक्स में घरेलू हिंसा पर एक मजबूत संदेश देने की कोशिश की गई है, लेकिन इसका निष्पादन थोड़ा जल्दबाजी में किया गया प्रतीत होता है, जिससे प्रभाव कमजोर हो जाता है। कहानी में कई जगह भावनात्मक पलों को बेहतर तरीके से चित्रित किया जा सकता था, जिससे फिल्म में अधिक गहराई आती।
निष्कर्ष
Do Patti Movie में एक रोचक कहानी का बीज जरूर है, लेकिन कमजोर लेखन और निर्देशन के कारण यह अपनी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंच पाती है। Kajol, Kriti Sanon और Shaheer Sheikh जैसे अनुभवी कलाकारों के होने के बावजूद, फिल्म में सस्पेंस और थ्रिल की वो गहराई नहीं आ पाती है जिसकी दर्शकों को उम्मीद थी। फिल्म एक अच्छी सोच और कहानी के बावजूद अपने संदेश को पूरी तरह से व्यक्त नहीं कर पाती है। Do Patti में वो सारे तत्व थे जो इसे एक बेहतरीन थ्रिलर बना सकते थे, लेकिन कमजोर लेखन और कहानी की संरचना में कमी ने इसे एक सामान्य फिल्म बना दिया है।
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