Fed Rate Cuts: फेडरल रिजर्व की ताजा बैठक में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद जताई जा रही है। मौजूदा समय में अमेरिकी सेंट्रल बैंक की लक्ष्य दर 5.25% से 5.50% के बीच है। विशेषज्ञ और निवेशक इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि फेडरल रिजर्व कितनी कटौती करेगा – 25 बेसिस पॉइंट्स या 50 बेसिस पॉइंट्स। यह निर्णय न केवल अमेरिकी बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल सकता है।
फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में कटौती का महत्व
फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति का सीधा प्रभाव अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ता है। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो कर्ज़ लेना सस्ता हो जाता है, जिससे उपभोक्ता खर्च और निवेश को बढ़ावा मिलता है। इस प्रक्रिया को हम Fed rate cuts के नाम से जानते हैं।
वर्तमान में, फेडरल रिजर्व की दरें 5.25% से 5.50% के बीच हैं। पिछले कुछ वर्षों में सख्त मौद्रिक नीति के चलते ब्याज दरें लगातार बढ़ाई गई थीं। अब, फेड की fed meeting में ब्याज दरों में कमी की उम्मीद है।
Fed Rate Cuts: निवेशकों और उधारकर्ताओं पर असर
हाल के वर्षों में बढ़ती ब्याज दरों का असर कर्ज़दाताओं पर देखा गया है। उदाहरण के तौर पर, 30 साल के फिक्स्ड मॉर्गेज की ब्याज दरें 6.12% तक पहुंच गई हैं, जो मार्च 2022 में 4.29% थी। इसी तरह, होम इक्विटी लोन की ब्याज दरें भी 8.49% तक पहुंच गई हैं। ऐसे में Fed rate cuts से आम उपभोक्ता को राहत मिलने की उम्मीद है।
क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरों में भी 400 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि देखी गई है, जिससे यह दरें 20.78% तक पहुंच गई हैं। इससे आम नागरिकों पर कर्ज़ का बोझ बढ़ता जा रहा है। फेड की आगामी fed meeting से इन दरों में कटौती की उम्मीद की जा रही है, जो कर्ज़दाताओं के लिए राहत भरी खबर हो सकती है।
बचतकर्ताओं के लिए संभावित लाभ
हालांकि फेड की सख्त नीति ने कर्ज़दाताओं पर दबाव डाला है, लेकिन बचतकर्ताओं के लिए यह एक वरदान साबित हुआ है। पांच साल के सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (CD) की वार्षिक दर 2.87% तक पहुंच गई है, जो मार्च 2022 में 0.5% थी। इसके अलावा, मनी मार्केट फंड्स की दरें भी 0.46% तक बढ़ी हैं, जो पहले मात्र 0.08% थी। ऐसे में, अगर Fed rate cuts होते हैं, तो बचत पर ब्याज दरें भी प्रभावित हो सकती हैं।
फेड की नीति और निवेशक की चिंता
फेडरल रिजर्व की नीति को लेकर निवेशक दो खेमों में बंटे हुए हैं। फेडरल फंड्स फ्यूचर्स ट्रेडिंग के अनुसार, 55% संभावना है कि फेडरल रिजर्व 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करेगा, जबकि 45% संभावना 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है। इस बीच, बैंक ऑफ अमेरिका के वरिष्ठ अर्थशास्त्री आदित्य भावे का मानना है कि अगर Fed rate cuts 50 बेसिस पॉइंट्स की होती है, तो यह संकेत हो सकता है कि फेड अर्थव्यवस्था की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ को लेकर चिंतित है। इससे जोखिम वाले एसेट्स में तात्कालिक उछाल आ सकता है, लेकिन लंबी अवधि में यह नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
Fed Rate Cuts: आगे का रास्ता
फेडरल रिजर्व की fed meeting में ब्याज दरों में कटौती को लेकर निवेशक पूरी तरह से सतर्क हैं। जैसे-जैसे फैसला नजदीक आ रहा है, मार्केट की अस्थिरता बढ़ रही है। ब्याज दरों में कटौती से शेयर बाजार में उछाल आने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह उछाल अधिक टिकाऊ नहीं हो सकता। इसके अलावा, फेड की नीति का असर अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर भी देखने को मिलेगा, खासकर उन देशों में जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था से जुड़े हैं।
निष्कर्ष
फेडरल रिजर्व की बैठक और Fed rate cuts पर मार्केट की पैनी नजर है। ब्याज दरों में कमी से जहां एक ओर कर्ज़दाताओं को राहत मिलने की उम्मीद है, वहीं दूसरी ओर बचतकर्ताओं के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय हो सकता है। अब यह देखना होगा कि फेडरल रिजर्व की नीति कैसे आगे बढ़ती है और इसका असर वैश्विक और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर कैसा पड़ता है।