Israel ने संयुक्त राष्ट्र की फिलिस्तीनी शरणार्थी सहायता एजेंसी UNRWA के साथ अपना समझौता समाप्त कर दिया है। Israel सरकार का कहना है कि United Nations Relief and Works Agency में हमास के घुसपैठ के प्रमाण मिले हैं। पिछले हफ्ते Israel संसद में एक नया कानून पारित किया गया, जिससे UNRWA की Israel में कार्य करने की अनुमति समाप्त हो गई। यह कदम फिलिस्तीनी शरणार्थियों, विशेषकर गाजा में रहने वालों के लिए चिंता का कारण बन गया है।
Israel के आरोप और UNRWA की प्रतिक्रिया
Israel का कहना है कि UNRWA में हमास ने घुसपैठ की है। Israel सरकार ने 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले में UNRWA कर्मचारियों के शामिल होने का भी आरोप लगाया है। Israel जांच के अनुसार, हमले में नौ United Nations Relief and Works Agency कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई थी, जिसके चलते उन्हें बर्खास्त किया गया। इसके अलावा, एक वरिष्ठ हमास नेता, जो पिछले महीने Israel हमले में मारे गए, वे भी UNRWA से जुड़े थे।
UNRWA की संचार निदेशक जूलिएट तौमा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एजेंसी ने Israel से विस्तृत जानकारी मांगी है। उन्होंने कहा कि United Nations Relief and Works Agency किसी भी संगठन द्वारा अपने संसाधनों के दुरुपयोग का सख्त विरोध करता है और इसके लिए सभी पक्षों से जवाबदेही की मांग करता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठी चिंताएं
इस कानून के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएं आई हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने UNRWA के कामकाज में अवरोध पैदा करने वाली किसी भी नीति के खिलाफ चेतावनी दी है। United Nations Relief and Works Agency का कहना है कि नए कानून से गाजा, वेस्ट बैंक और पूर्वी यरूशलम में उनके कार्यों पर प्रभाव पड़ेगा। हालाँकि यह कानून वेस्ट बैंक और गाजा में सीधे प्रतिबंध नहीं लगाता, परन्तु इससे UNRWA के कार्यों में निश्चित ही बाधा आएगी।
UNRWA का ऐतिहासिक महत्व
UNRWA की स्थापना 1949 में हुई थी और इसका उद्देश्य फिलिस्तीनी शरणार्थियों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ, और अन्य सहायता प्रदान करना है। लगभग 5.9 मिलियन फिलिस्तीनी शरणार्थियों और उनके वंशजों को United Nations Relief and Works Agency द्वारा सहायता दी जाती है। इस एजेंसी का महत्व इसलिए भी है कि यह फिलिस्तीनी शरणार्थियों की कठिनाइयों को कम करने में मदद करता है। Israel प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले भी UNRWA को बंद करने की वकालत कर चुके हैं, उनका मानना है कि इससे फिलिस्तीनी शरणार्थी समस्या बरकरार रहती है।
Israel का निर्णय और इसके निहितार्थ
Israel के इस निर्णय से UNRWA के प्रति उसकी असहमति स्पष्ट हो जाती है। Israel का कहना है कि उसने United Nations Relief and Works Agency में हमास के घुसपैठ के कई सबूत संयुक्त राष्ट्र को दिए थे, परंतु UNRWA ने इस ओर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया। Israel के विदेश मंत्री, इस्राइल काट्ज़ ने कहा कि UNRWA में हमास की उपस्थिति की जानकारी देने के बावजूद कोई कारवाई नहीं हुई।
Israel द्वारा उठाया गया यह कदम फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए परेशानी भरा साबित हो सकता है। UNRWA ने Israel अधिकारियों से अधिक जानकारी और सहयोग का अनुरोध किया है ताकि वह अपनी सेवाओं को सुरक्षित और निष्पक्ष रूप से जारी रख सके। फिलहाल, United Nations Relief and Works Agency का संचालन गाजा, वेस्ट बैंक और पूर्वी यरूशलम में जारी है, परंतु यह कानून तीन महीनों में प्रभावी हो जाएगा।
UNRWA का समर्थन और भविष्य की चुनौती
UNRWA की संचार निदेशक जूलिएट तौमा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस कानून के खिलाफ कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने इसे “समय के खिलाफ एक दौड़” बताया। यह देखते हुए कि United Nations Relief and Works Agency फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का प्रमुख स्रोत है, इसका बंद होना उन पर गहरा असर डाल सकता है।
Israel का यह कदम, जो तीन महीनों में लागू होने वाला है, अंतरराष्ट्रीय मंच पर चिंताएं बढ़ा रहा है। यदि United Nations Relief and Works Agency की सेवाओं में रुकावट आती है, तो यह फिलिस्तीनी समुदाय के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
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