पूर्व भारतीय क्रिकेटर Sanjay Bangar के बेटे, Aryan Bangar, ने हाल ही में सोशल मीडिया पर अपने जीवन के उस पहलू को साझा किया जो अब तक उनके प्रशंसकों से छुपा हुआ था। आर्यन ने खुद को Anaya के रूप में पहचानना शुरू किया है। इस साहसी सफर में उन्होंने न केवल व्यक्तिगत बल्कि खेल में भी कई चुनौतियों का सामना किया। Anaya का ये सफर उनके “सच्चे आत्म” को पाने की कहानी है, जिसे उन्होंने अपनी सबसे बड़ी जीत बताया है।
क्रिकेट से शुरू हुआ सफर
Aryan Bangar, Sanjay Bangar के बेटे हैं और अपने पिता की तरह एक प्रतिभाशाली बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। उन्होंने मुंबई में इस्लाम जिमखाना के लिए क्रिकेट खेला और बाद में इंग्लैंड में लीसेस्टरशायर के हिन्कले क्रिकेट क्लब का हिस्सा बने। आर्यन का यह सफर खेल से शुरू होकर एक निजी संघर्ष तक पहुंचा, जिसमें उन्होंने अपने आत्म-सम्मान और पहचान के लिए जंग लड़ी।
Aryan Bangar का Anaya बनने का सफर
Sanjay Bangar के बेटे Aryan Bangar ने सोशल मीडिया पर अपने 10 महीने की हार्मोनल ट्रांसफॉर्मेशन यात्रा का जिक्र किया, जिसे उन्होंने अपने जीवन की सबसे बड़ी जीत कहा। उन्होंने बताया कि खेल के बाहर भी उनके लिए आत्म-साक्षात्कार का सफर आसान नहीं था। इस सफर में उन्होंने अपने सच्चे रूप को अपनाने के लिए कठिन निर्णय लिए, अपने “कम्फर्ट जोन” को छोड़ना पड़ा और समाज के संदेहों और आलोचनाओं का सामना किया।
इंस्टाग्राम पर पोस्ट से खुलासा
Anaya ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में लिखा, “खेल के मैदान से लेकर दूसरों के शक और फैसलों का सामना करने तक, हर कदम ने मुझसे ताकत की मांग की। पर खेल से भी बाहर, एक और सफर था, आत्म-साक्षात्कार का, जिसमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। सच्चे आत्म को अपनाने का मतलब था कठिन फैसले लेना, फिट-इन होने की जगह खुद को स्वीकार करना।”
क्रिकेट में आई चुनौतियाँ
Anaya बनने के बाद, Aryan Bangar को अपनी खेल यात्रा में भी कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) ने उनके शरीर को काफी प्रभावित किया। उनकी मांसपेशियों में कमी आई, ताकत घट गई, और उनकी एथलेटिक क्षमताओं में भी गिरावट आई। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस दर्दनाक सच्चाई को साझा किया कि हार्मोन थेरेपी के चलते उनके क्रिकेट करियर पर गहरा असर पड़ा है।
खेल के प्रति Anaya की बढ़ती चिंता
Sanjay Bangar के बेटे Aryan Bangar, जो अब Anaya के नाम से पहचानी जाती हैं, ने कहा कि क्रिकेट को लेकर उनकी परेशानियाँ और भी बढ़ गई हैं। उन्होंने खुलासा किया कि ट्रांस महिलाओं के लिए क्रिकेट में उपयुक्त नियमों का अभाव उन्हें हतोत्साहित कर रहा है। Anaya ने लिखा कि उन्हें ऐसी नीतियों की जरूरत है जो उन्हें अपने जुनून और पहचान के बीच में से एक को चुनने पर मजबूर न करें।
भविष्य की चुनौतियाँ और अनिश्चितताएं
क्रिकेट के प्रति Anaya का प्रेम उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन वर्तमान स्थिति ने उन्हें खेल से दूर कर दिया है। उन्होंने खेल प्राधिकरणों से निवेदन किया है कि वे ट्रांस महिलाओं के लिए नियम बनाएं ताकि उन्हें अपने खेल और पहचान के बीच चयन न करना पड़े। Sanjay Bangar के बेटे Aryan Bangar का Anaya बनने का सफर समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि हर व्यक्ति को अपनी पहचान अपनाने का अधिकार है, चाहे इसके लिए उन्हें कितनी भी चुनौतियों का सामना क्यों न करना पड़े।
Sanjay Bangar का बेटे के प्रति समर्थन
Anaya ने अपनी यात्रा में अपने परिवार का भी साथ पाया। Sanjay Bangar जैसे खिलाड़ी का बेटा होने के नाते, समाज और परिवार का सहयोग उनके लिए काफी महत्वपूर्ण था। इस चुनौतीपूर्ण यात्रा में Sanjay Bangar के बेटे Aryan Bangar ने अपनी पहचान को अपनाते हुए समाज के सामने एक मिसाल पेश की है।
निष्कर्ष
Anaya का यह सफर सिर्फ व्यक्तिगत पहचान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपनी पहचान को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। Sanjay Bangar के बेटे Aryan Bangar, अब Anaya, की यह यात्रा क्रिकेट और समाज के बीच के अंतर को भी दर्शाती है। यह कहानी इस बात का उदाहरण है कि कैसे अपनी सच्ची पहचान पाना जीवन की सबसे बड़ी जीत हो सकती है, चाहे इसके लिए कितनी भी कठिनाई क्यों न सहनी पड़े।
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