भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 21 अक्टूबर को घोषणा की कि बंगाल की खाड़ी के पूर्वी-मध्य भाग में कम दबाव वाला क्षेत्र एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने वाला है। यह चक्रवात 24 अक्टूबर को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर दस्तक देगा और इसका नाम “डाना” होगा। Cyclone Dana ओडिशा के तटों को प्रभावित करेगा, और इसके साथ चलने वाली हवाओं की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है।
चक्रवातों के नामकरण की प्रक्रिया
जब भी कोई चक्रवात आता है, तो हम उसे एक विशेष नाम से जानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन चक्रवातों के नाम कैसे तय किए जाते हैं? Cyclone Dana का नाम कतर द्वारा सुझाया गया है, जिसका अर्थ अरबी भाषा में “उदारता” होता है। चक्रवातों के नामकरण की प्रक्रिया 2000 में विश्व मौसम संगठन (WMO) और संयुक्त राष्ट्र एशिया-प्रशांत आर्थिक और सामाजिक आयोग (ESCAP) द्वारा शुरू की गई थी। इसमें बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड ने भाग लिया।
2018 में इस पैनल में पांच और देश जोड़े गए: ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन। अब, चक्रवातों के लिए नामों की सूची इन 13 देशों द्वारा प्रदान की जाती है। हर देश से 13 नाम सुझाए गए, और इन नामों का उपयोग क्षेत्र में आने वाले चक्रवातों के लिए किया जाता है।
चक्रवातों के नाम क्यों दिए जाते हैं?
चक्रवातों को नाम देने से आम जनता और वैज्ञानिक समुदाय को उन्हें पहचानने में आसानी होती है। नामकरण से चेतावनी देना और जागरूकता बढ़ाना आसान हो जाता है, जिससे लोग चक्रवात की तैयारी कर सकें। इसके अलावा, जब एक ही क्षेत्र में कई चक्रवात होते हैं, तो नामकरण से भ्रम की स्थिति से बचा जा सकता है। उदाहरण के लिए, Cyclone Dana और Cyclone Asna में नाम का उपयोग हमें उनके बीच फर्क करने में मदद करता है।
चक्रवातों के नामकरण के नियम
जब कोई देश चक्रवात के नाम का प्रस्ताव करता है, तो उसे कुछ नियमों का पालन करना होता है। जैसे कि:
- नाम किसी राजनीतिक व्यक्ति, धार्मिक विश्वास, या संस्कृति से जुड़े न हों।
- नाम किसी भी समूह या देश की भावनाओं को आहत न करें।
- नाम छोटा हो, सरल हो, और किसी के लिए अपमानजनक न हो।
- नाम आठ अक्षरों से अधिक लंबा न हो।
- नाम की उच्चारण की सही जानकारी दी जाए।
- नाम को दोहराया न जाए, यानी पहले इस्तेमाल किए गए नाम का दोबारा उपयोग न हो।
Cyclone Dana को इसी तरह की प्रक्रिया से चुना गया है, और यह कतर द्वारा सुझाए गए नामों में से एक है।
ओडिशा पर Cyclone Dana का प्रभाव
Cyclone Dana ओडिशा के तटीय इलाकों पर भारी असर डाल सकता है। IMD के अनुसार, यह चक्रवात 24 अक्टूबर की रात और 25 अक्टूबर की सुबह के बीच पुरी और सागर द्वीप के बीच में दस्तक देगा। इस दौरान 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक की तेज हवाएं चलने की संभावना है, जो तटीय इलाकों में भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं। राज्य सरकार ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है, और मछुआरों को समुद्र में जाने से मना किया गया है।
Cyclone Dana इस साल का दूसरा चक्रवात होगा जो उत्तर भारतीय महासागर क्षेत्र में उत्पन्न हुआ है। इससे पहले अगस्त 2024 में Cyclone Asna आया था, जिसने अरब सागर के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया था।
चक्रवातों से सुरक्षा और तैयारी
चक्रवातों से निपटने के लिए सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग पहले से तैयारी कर रहे हैं। ओडिशा सरकार ने आपातकालीन स्थिति में मदद करने के लिए कई राहत दल तैयार किए हैं, और प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री भेजी जा रही है। लोगों को सतर्क रहने और समय पर चेतावनी का पालन करने की सलाह दी जा रही है।
इसके अलावा, चक्रवात के समय सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना और सरकारी निर्देशों का पालन करना सबसे महत्वपूर्ण होता है। तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को चक्रवात की दस्तक से पहले ही अपने घरों से सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए।
निष्कर्ष
Cyclone Dana ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। चक्रवातों के नामकरण की प्रक्रिया से यह समझने में मदद मिलती है कि कैसे एक नाम किसी आपदा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और तैयारियों को बढ़ावा देने में मदद करता है। चक्रवात डाना के बारे में जानकारी प्राप्त करना और उसकी तैयारी करना आवश्यक है ताकि कम से कम नुकसान हो और लोग सुरक्षित रहें।
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