14th December 2024

अमेरिकी डॉलर में मजबूती, रुपये ने देखा निचला स्तर, 84.28 पर बंद

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Indian rupee hits record low
वैश्विक बाजार दबाव के चलते भारतीय रुपया 84.28 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर। अमेरिकी डॉलर की मजबूती के बीच RBI ने नुकसान को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप किया।

भारतीय रुपये ने चार महीनों में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की, जो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 84.28 पर बंद हुआ। यह गिरावट मुख्य रूप से अमेरिकी डॉलर की मजबूती और वैश्विक व्यापार बाधाओं की चिंता के चलते हुई। भारतीय रुपया अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, बावजूद इसके कि यह 17 पैसे या 0.2% गिरकर अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने स्थिति पर काबू पाने के लिए हस्तक्षेप किया, जिससे रुपया और गिरावट से बचा।

अमेरिकी डॉलर में मजबूती, अन्य मुद्राओं पर असर

रुपये की इस बड़ी गिरावट का कारण अमेरिकी डॉलर की मजबूत स्थिति है। दुनियाभर में कई मुद्राएं डॉलर के मुकाबले कमजोर हो रही हैं। यह स्थिति विशेष रूप से व्यापार बाधाओं और संभावित प्रतिबंधों की अटकलों के चलते बनी हुई है। डॉलर इंडेक्स में 1.8% की वृद्धि देखी गई है, जिसने वैश्विक मुद्राओं पर दबाव बढ़ा दिया है। इसके अलावा, ट्रम्प के विजय के बाद से अमेरिकी डॉलर की मांग में अचानक इजाफा हुआ है।

RBI का हस्तक्षेप

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि अमेरिकी चुनाव के परिणाम और वैश्विक आर्थिक प्रभावों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है। उन्होंने यह भी कहा कि RBI विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप कर रहा है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है। हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि RBI के पास करीब $700 बिलियन का विदेशी मुद्रा भंडार है, लेकिन फिर भी डॉलर की अप्रत्याशित मजबूती के सामने इसे संभालना मुश्किल हो सकता है। फिर भी, RBI के हस्तक्षेप से रुपये की गिरावट कुछ हद तक रोकी जा सकी है।

Indian rupee hits record low

वैश्विक मुद्राओं पर प्रभाव

भारतीय रुपया ही नहीं, अन्य कई प्रमुख मुद्राएं भी डॉलर के मुकाबले कमजोर हो रही हैं। उदाहरण के लिए, मेक्सिकन पेसो में दो साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। यूरो में भी 2% की गिरावट आई है, क्योंकि यूरोपियन यूनियन पर व्यापार युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। इसके अलावा, चीनी युआन में भी 1.1% की गिरावट हुई, जो पिछले साल अक्टूबर के बाद से एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। दक्षिण अफ्रीकी रैंड ने भी 2.2% की गिरावट दर्ज की।

भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति

रुपये की इस गिरावट के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत मानी जा रही है। भारतीय रुपया अन्य मुद्राओं के मुकाबले तुलनात्मक रूप से स्थिर बना हुआ है। शक्तिकांत दास ने कहा है कि भारत की वित्तीय प्रणाली और अर्थव्यवस्था विदेशी दबावों का सामना करने के लिए तैयार है। हालांकि, अमेरिकी डॉलर में मजबूती से निर्यात और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

आगे की स्थिति कैसी रह सकती है?

हालांकि RBI के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है, लेकिन अमेरिकी डॉलर के लगातार मजबूत होने से भारतीय रुपया हाशिये पर है। इसके साथ ही, वैश्विक आर्थिक संकट और व्यापार बाधाओं के चलते भारतीय मुद्रा पर दबाव बढ़ने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर डॉलर की यह स्थिति बरकरार रही, तो RBI को एक ठोस नीति पर काम करना होगा ताकि रुपये की स्थिरता सुनिश्चित हो सके।

निष्कर्ष

भारतीय रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच चुका है, और यह वैश्विक आर्थिक परिवर्तनों का संकेत है। अमेरिकी डॉलर की मजबूती और व्यापार युद्ध की अटकलों ने भारतीय रुपये पर दबाव डाला है। ऐसे में RBI की रणनीति महत्वपूर्ण होगी कि वे भारतीय रुपये को स्थिर रखने के लिए क्या कदम उठाते हैं।

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Manoj Makwana

Manoj Makwana

Manoj Makwana from Gujarat with 2+ years of experience in digital marketing. Skilled in SEO, PPC, social media, and more, specializing in ecommerce solutions to drive business growth and online visibility.

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