भारत में जीएसटी (GST) घोटाले की एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें 200 से अधिक फर्जी कंपनियों का नाम सामने आया है। इस बड़े वित्तीय घोटाले में Journalist Mahesh Langa समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले के पीछे फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा कर सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाने की साजिश थी।
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स इंटेलिजेंस (DGGI) ने इस घोटाले की जांच शुरू की, जिसके तहत देशभर में 33 जगहों पर छापेमारी की गई। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने अहमदाबाद, जूनागढ़, सूरत, खेड़ा और भावनगर सहित 14 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की, जिसके दौरान 33 से अधिक प्रमुख ऑपरेटरों को हिरासत में लिया गया। ये लोग 12 से अधिक फर्जी कंपनियों का संचालन कर रहे थे।
Journalist Mahesh Langa की गिरफ्तारी
इस घोटाले में Journalist Mahesh Langa को भी गिरफ्तार किया गया है, जो एक प्रमुख विधायक के पुत्र भी हैं। क्राइम ब्रांच के एसीपी भरत पटेल ने स्थानीय मीडिया को बताया, “GST अधिकारियों द्वारा झूठे दस्तावेजों का उपयोग किए जाने की शिकायत के आधार पर Journalist Mahesh Langa को गिरफ्तार किया गया है। क्राइम ब्रांच सभी संबंधित दस्तावेजों को जब्त करेगी और इस मामले की गहन जांच की जाएगी। आगे की कार्रवाई जाँच के परिणामों पर निर्भर करेगी।”
यह गिरफ्तारी महेश लांगा के साथ जुड़े अन्य लोगों की पूछताछ के बाद की गई है। यह घोटाला देश भर में फैले हुए फर्जी कंपनियों के जाल का एक हिस्सा है, जो सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचा रहे थे।
फर्जी कंपनियों की सूची
इस बड़े GST Scam में शामिल कुछ प्रमुख फर्जी कंपनियों और उनके संचालकों की पहचान की गई है। इन कंपनियों के जरिए फर्जी बिलिंग और झूठे दस्तावेजों का उपयोग कर टैक्स चोरी की जा रही थी। इनमें से कुछ प्रमुख कंपनियों के नाम इस प्रकार हैं:
- अरहम स्टील: निमेश वोरा, हेतलभाई वोरा
- ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी: राजेंद्रसिंह सावराया, वनराजसिंह सावराया
- श्री कंकेस्वरी एंटरप्राइज: कालुभाई वाघ, मन्नन वाजा
- राज इंफ्रा: रत्नदीपसिंह डोडिया
- हरेश कंस्ट्रक्शन कंपनी: निलेश नसीत
- एथिराज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड: निलेश नसीत
- आर.एम. दासा इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड: नाथाभाई दासा
- आर्यन एसोसिएट्स: अजय बाराड़
- पृथ्वी बिल्डर्स: परेश प्रदीपभाई डोडिया
इन सभी कंपनियों के संचालकों पर आरोप है कि उन्होंने शेल कंपनियों का उपयोग कर फर्जी टैक्स क्लेम किया और जीएसटी भुगतान से बचने की साजिश रची।
जाँच का दायरा और कार्रवाई
DGGI और अहमदाबाद क्राइम ब्रांच द्वारा की गई इस जाँच से पता चला है कि देशभर में 200 से अधिक फर्जी कंपनियाँ एक संगठित तरीके से काम कर रही थीं। इन कंपनियों ने फर्जी दस्तावेजों और पहचान का उपयोग कर बड़ी मात्रा में नकली ITC क्लेम किया।
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने सोमवार को जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “यह प्रतीत होता है कि देश भर में 200 से अधिक फर्जी फर्मों/इकाइयों ने सरकार के खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया है। इन कंपनियों ने फर्जी बिलिंग और दस्तावेजों का उपयोग कर कर्तव्य से बचने के लिए धोखाधड़ी की।”
इस बड़े घोटाले में शामिल Journalist Mahesh Langa की गिरफ्तारी ने इस घोटाले को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है। इसके अलावा, कई प्रमुख बिल्डरों और ऑपरेटरों की भी पहचान की गई है, जिनका नाम इस घोटाले में सामने आया है।
निष्कर्ष
GST Scam का यह मामला न केवल वित्तीय धोखाधड़ी का बड़ा उदाहरण है, बल्कि इसमें देश के प्रमुख Journalist Mahesh Langa की गिरफ्तारी से यह और भी सनसनीखेज हो गया है। Mahesh Langa और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले की जांच कैसे आगे बढ़ती है और अन्य कौन-कौन से नाम इस घोटाले में सामने आते हैं।
इस जाँच से जुड़े अधिकारियों ने कहा है कि जांच अभी भी चल रही है और आगे और भी गिरफ्तारी की जा सकती है।
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