Skill India का महत्व: भारत में तकनीकी प्रगति की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है, और इसके साथ ही कंपनियों को अपने कार्यबल को नए कौशल से लैस करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। 2024 में यह आवश्यकता और भी महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए ‘Skill India’ पहल के तहत अपस्किलिंग और कार्यबल क्षमताओं को बढ़ाना अनिवार्य हो गया है।
हाल ही में प्रकाशित ‘SkillScape 2024’ रिपोर्ट, जिसे People Matters और UNext द्वारा जारी किया गया, भारत की कॉर्पोरेट लर्निंग और डेवलपमेंट (L&D) रणनीतियों के महत्वपूर्ण रुझानों को उजागर करती है। रिपोर्ट के अनुसार, 82% कंपनियां सार्वजनिक रूप से उपलब्ध पाठ्यक्रमों से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि वे कर्मचारियों को परियोजना-तैयार भूमिकाओं के लिए पर्याप्त रूप से तैयार नहीं कर पाते हैं। यहां ‘Skill India’ की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि यह पहल उन पाठ्यक्रमों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर जोर देती है जो कार्यबल को बेहतर कौशल और प्रशिक्षण प्रदान करें।
नई पीढ़ी की तकनीक और कौशल की मांग
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 55% कंपनियों ने डेटा साइंस, एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा और IoT जैसी तकनीकों को महत्वपूर्ण माना है। ये कौशल एक अत्यधिक अस्थिर, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट (VUCA) दुनिया में सफलता प्राप्त करने के लिए अनिवार्य माने जा रहे हैं। ‘Skill India’ पहल के तहत, इस बात पर विशेष जोर दिया जा रहा है कि कंपनियां इन क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करें।
कंपनियों को नई पीढ़ी की तकनीकों में विशेषज्ञता वाले प्रतिभाशाली कर्मचारियों को ढूंढने और विकसित करने में कठिनाई हो रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 72% संगठनों को कुशल विशेषज्ञों की भर्ती में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस कौशल की कमी के कारण ‘Skill India’ जैसे प्रयासों की आवश्यकता और बढ़ गई है, ताकि भारत के उद्योग तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्य में अपनी जगह बना सकें।
उभरती भूमिकाओं के साथ स्किलिंग का भविष्य
रिपोर्ट के अनुसार, 50% कंपनियों का मानना है कि उभरती हुई भूमिकाएं स्किलिंग परिदृश्य को बदल देंगी। इसके अलावा, 60% कंपनियां तकनीकी रूपांतरणों को सुगम बनाने के लिए कौशल विकास को प्राथमिकता दे रही हैं। ‘Skill India’ पहल के तहत, कंपनियां इन नई भूमिकाओं के लिए कर्मचारियों को तैयार करने के लिए अपने L&D कार्यक्रमों को संशोधित कर रही हैं।
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि केवल 20% कंपनियां नियमित रूप से कर्मचारियों की दक्षताओं का आकलन करती हैं, जिससे वे कौशल पुरातनता के खतरे में पड़ जाते हैं। इस कमी के परिणामस्वरूप, कंपनियों में नवाचार की कमी होती है और वे नई तकनीकों की पूरी क्षमता का लाभ उठाने में असमर्थ होती हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सुधार की आवश्यकता
हालांकि पोस्ट-ट्रेनिंग आकलन बेहतर परिणाम दिखाते हैं, 68% कंपनियां ROI मापने के लिए आकलन करती हैं। फिर भी, अधिकांश कंपनियां तीसरे पक्ष के आकलनों के लिए अभी तक पूरी तरह से तैयार नहीं हैं। इसके विपरीत, ‘Skill India’ कार्यक्रम इस बात पर जोर देता है कि आकलन एक नियमित प्रक्रिया होनी चाहिए ताकि प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिक प्रभावी हो सकें और कर्मचारी नवीनतम तकनीकों के साथ अद्यतित रह सकें।
‘Skill India’ के तहत प्रमाणपत्र और कार्य-अनुकूलित शिक्षा
71% कंपनियां टियर-1 विश्वविद्यालयों से प्रमाणपत्रों के माध्यम से अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ा रही हैं। इन प्रमाणपत्रों के माध्यम से, कंपनियां शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित कर रही हैं और निरंतर सीखने की संस्कृति को बढ़ावा दे रही हैं। ‘Skill India’ पहल भी इस दिशा में काम कर रही है ताकि देश के युवा और कामकाजी पेशेवर नई तकनीकों में महारत हासिल कर सकें और अपनी पेशेवर क्षमताओं को बढ़ा सकें।
कार्य-अनुकूलित लर्निंग प्रोग्राम (WILP), जो औपचारिक शिक्षा को वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के साथ मिश्रित करता है, भी लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। इस दृष्टिकोण से कंपनियां गहरे ज्ञान को सुदृढ़ कर रही हैं और तत्काल कौशल अनुप्रयोग को बढ़ावा दे रही हैं। ‘Skill India’ के तहत इन कार्य-अनुकूलित कार्यक्रमों को और भी बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि भारतीय कंपनियां तकनीकी क्रांति में अपनी क्षमता को और भी अधिक बढ़ा सकें।
लीडरशिप विकास और कौशल आकलन
कंपनियों ने नेतृत्व विकास को भी प्राथमिकता दी है, जिसमें 61% कंपनियां परिवर्तन प्रबंधन और संगठनात्मक लचीलेपन को महत्वपूर्ण कौशल मानती हैं। ‘Skill India’ पहल के अंतर्गत, लीडरशिप कौशल का विकास भारतीय कंपनियों को तेजी से बदलते तकनीकी परिदृश्य में प्रतिस्पर्धी बनाए रखने में मदद करता है। नियमित कौशल आकलन और कार्य-अनुकूलित कार्यक्रमों के माध्यम से, भारतीय कंपनियां ‘Skill India’ के साथ एक मजबूत भविष्य के लिए खुद को तैयार कर रही हैं।
निष्कर्ष
तकनीकी प्रगति के इस युग में, भारतीय कंपनियों के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वे अपने कार्यबल को ‘Skill India’ जैसी पहलों के माध्यम से तैयार करें। कंपनियों को अपने L&D कार्यक्रमों में सुधार करने की आवश्यकता है, ताकि वे न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की तकनीकी चुनौतियों का भी सफलतापूर्वक सामना कर सकें। ‘Skill India’ पहल के माध्यम से, भारतीय कंपनियां न केवल अपने कर्मचारियों को नई तकनीकों में प्रशिक्षित कर रही हैं बल्कि अपने उद्योगों को भी भविष्य के लिए तैयार कर रही हैं।